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खिलखिलाती सुबह

रोज आती है आंगन में मेरे 
खिलखिलाती गुनगुनाती 
इठलाती, बलखाती, मुस्कुराती
झिलमिलाती सी सुबह । 
नई आशा , उमंग, उत्साह
इरादे, वादे, जोश, लगन
समर्पण, अरमान लिए । 
और भर लेती है अपने अंक में 
ऐसे जैसे एक मां अपने बच्चे को ।
फिर मैं महसूस करता हूँ 
सुरक्षा, विश्वास, अपनापन 
और पिलाती है वह मुझको 
कड़े परिश्रम का पौष्टिक दूध 
सत्य मार्ग पर चलने का काढ़ा
सद् व्यवहार करने की घुट्टी । 
लोरी गा गाकर देती है सीख 
सबसे प्रेम करो, जीवों पर दया करो 
अहिंसा व्रत का पालन करो । 
इन सबसे खिल उठता है मेरा मन 
फिर मैं निकल पड़ता हूँ 
अपने लक्ष्य का पीछा करने 
दृढ विश्वास, पक्का इरादा लेकर 
और धीरे धीरे सधे हुए कदमों से 
बढ़ने लगता हूँ मंजिल की ओर 
जैसे सूर्यनारायण बढ़ते रहते हैं 
प्रकाश और ऊर्जा की किरणें बिखेरे । 
हर सुबह लेकर आती है 
नई प्रेरणा, नये लक्ष्य , नई तकनीक
नई कार्य योजना, नये समीकरण 
नये लोग, नये रिश्ते, नया जोश । 

हरिशंकर गोयल "हरि"
27.12.21 


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2 Comments

रतन कुमार

28-Dec-2021 03:11 PM

Wah बहुत खूब

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Hari Shanker Goyal "Hari"

28-Dec-2021 05:04 PM

बहुत बहुत आभार आदरणीय

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